मोदी-शाह-योगी समेत छह चेहरों ने की छह लाख किमी की यात्रा, 783 रैलियों से बनाया माहौल

 


 


कुल सीट - 542, बहुमत - 272

 






पार्टी                     जीते       आगे        कुल       2014





एनडीए                    0          341       341        336



यूपीए                      0           87         87          59



सपा+बसपा               0           21         21            5



तृणमूल कांग्रस           0           25         25            3



द्रमुक                      0            22        22            0

अन्य                      0            46         46        109

 





एग्जिट पोल्स के अनुमान अगर सही निकले तो भाजपा की इस सफलता के पीछे छह चेहरों की भूमिका की सबसे अधिक चर्चा होगी। करीब 50 दिन के चुनावी अभियान में पार्टी के छह चेहरों पीएम नरेंद्र मोदी, अमित शाह, योगी आदित्यनाथ, राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी और शिवराज सिंह चौहान ने दिन रात एक कर दिया। इन नेताओं ने पार्टी की करीब 1500 रैलियों में से लगभग 53 फीसदी रैलियां खुद संबोधित कीं। इसके लिए करीब छह लाख किलोमीटर की यात्रा के जरिए पार्टी के पक्ष में माहौल बनाया।
 

नरेंद्र मोदीः 1.05 लाख किमी यात्रा, 142 रैलियां
भाजपा का प्रचार अभियान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इर्द-गिर्द ही घूमा। पार्टी ने उन्हीं के नाम पर पूरा कैंपेन किया तो विपक्ष के निशाने पर भी मोदी ही रहे। मोदी ने चुनाव प्रचार के दौरान 1.05 लाख किलोमीटर की यात्रा के जरिए देश को खंगाला। इस अभियान के दौरान पीएम ने यूपी, प. बंगाल, ओडिशा, बिहार, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान, कर्नाटक और गुजरात पर विशेष ध्यान दिया। पीएम की 142 में से 104 रैलियां इन्हीं नौ राज्यों में हुईं। बीते चुनाव में इनमें से सात राज्यों की ज्यादातर सीटों पर भाजपा का कब्जा था। जबकि इस बार पार्टी कुल 63 सीटों वाले प. बंगाल और ओडिशा में अपने विस्तार की व्यापक संभावना देख रही है।

अमित शाहः  1.58 लाख किमी यात्रा, 161 सभाएं
पार्टी अध्यक्ष के नाते पूरा चुनाव प्रबंधन देख रहे अमित शाह ने न सिर्फ पीएम से ज्यादा रैलियां कीं, बल्कि यात्रा भी ज्यादा की। शाह ने देशभर में 161 जनसभाओं को संबोधित किया और इसके लिए 1.58 लाख किलोमीटर की यात्रा की। इस दौरान वह जनसभाओं के माध्यम से भाजपा के पक्ष में माहौल बनाने के साथ-साथ चुनाव प्रचार की रणनीति में कई अहम बदलाव भी करते रहे। बूथ प्रबंधन की निगरानी, नारे, हर चरण में अलग रणनीति और मुद्दा ढूंढने की भी जिम्मेदारी शाह ने ही उठाई। शाह ने भी पीएम मोदी की तरह जनसभाओं के माध्यम से पूरे देश की यात्रा की। उनका भी फोकस यूपी, प. बंगाल, ओडिशा और हिंदी पट्टी के राज्य रहे।